हरिद्वार। लंबे समय से भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली में आंदोलन कर रहे अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता पहलवानों ने पिछले दिनों हरिद्वार पहुंचकर अपने पदक गंगा में समर्पित करने का प्रयास किया था, लेकिन भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के समझाने पर वह पदक गंगा में विसर्जित नहीं कर पाए थे और वापस लौट गए थे। उन्हें नरेश टिकैत द्वारा 5 दिन का समय देते हुए उनके हितों की लड़ाई लड़ने का भरोसा दिलाया गया था। इसी बीच बीती शाम उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हरिद्वार में चौधरी चरण सिंह घाट पर गंगा किनारे पहुंचे और उन्होंने एक पत्र मां गंगा की शरण में समर्पित किया। पत्र में हरीश रावत ने कहा कि भारत का गौरव बढ़ाने वाले पहलवान इंसाफ पाने के लिए आंदोलनरत हैं लेकिन प्रधानमंत्री सत्ता शासन प्रशासन उनकी कोई बात भी नहीं सुन रहा है। उन्होंने मां गंगा को दी अर्जी में पहलवानों को इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई है। इसके बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए हरीश रावत ने कहा कि एक तरफ तो मोदी सरकार पर महंगाई बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर विफल रहने का आरोप लगाया और गंभीर आरोप लगाए। हरीश रावत ने कहा कि केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने पर उत्तराखंड को यह पुरस्कार मिला है कि केंद्रीय वित्त पोषित कई योजनाओं पर 2026 तक के लिए रोक लगा दी गई है। जबकि देश में महंगाई बेरोजगारी और असहिष्णुता चरम पर है। इसके साथ ही देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों का ग्राफ भी बढ़ा है ऐसे में सरकार के 9 साल पूरे होने पर किस बात का जश्न मनाया जा रहा है यह समझ से परे है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी दिल्ली में आंदोलनरत पहलवानों के साथ है और उन्हें इंसाफ मिलने तक उनके संघर्ष को समर्थन जारी रखा जाएगा। इस दौरान हरीश रावत के साथ पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राव आफाक अली जिला पंचायत सदस्य संजय सैनी, पूर्व कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता मनीष करणवाल तथा खेल संघों से जुड़े अमन कुमार, संजय कुमार सहित अन्य लोग मौजूद रहे।