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DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 31 Aug 2022 1:47 pm IST


173 करोड़ से लागत 190 करोड़ पहुंच गई लेकिन अभी भी स्टेडियम में काम अधूरा


 गौलापार स्थित अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का निर्माण कार्य छह साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है। बैडमिंटन कोर्ट, बहुउद्देशीय भवन, फ्लोरिंग का काम, लर्निंग पूल और डाइविंग पूल का काम अभी बाकी है। इसकी लागत 173 करोड़ से 190 करोड़ पहुंच गई है। यहां कोविडकाल में रखे गए करीब 200 बैड, टेबल आदि पड़े हुए हैं। इन्हें हटवाने के लिए स्थानीय अफसर निदेशालय के आदेश का इंतजार कर रहे हैं।

गौलापार में 70 एकड़ भूमि पर स्टेडियम का निर्माण कार्य 2015 में शुरू हुआ था। दो निर्माणदायी संस्थाओं नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी और पेयजल निर्माण खेल इकाई देहरादून ने इस प्रोजेक्ट पर काम किया। शुुरुआत में नागार्जुन को इसका ठेका मिला था। तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 19 दिसंबर 2016 को अधूरे बने स्टेडियम का लोकार्पण कर दिया। तब यहां रेसलिंग का अंतरराष्ट्रीय मुकाबला हुआ। शेष काम 2017 तक पूरा होना था, लेकिन समय पर काम पूरा नहीं हुआ तो नागार्जुन ने अक्तूबर 2018 तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा। तकनीकी कारणों से फिर इसकी तिथि मार्च 2019 तक बढ़ा दी गई।

इसके बाद नागार्जुन से काम लेकर पेयजल निर्माण खेल इकाई देहरादून को सौंपा गया। दिसंबर 2021 तक स्टेडियम का काम काफी हद तक पूरा हो गया। अभी एक माह पूर्व ही स्विमिंग पूल, एथलेटिक्स, वालीबाल, टेबल टेनिस खेल शुरू करने के साथ स्टेडियम को खेल विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया लेकिन अभी भी क्रिकेट मैदान खिलाड़ियों के लिए नहीं खुल सका है। खेल विभाग के मुताबिक, शुरुआत में इसके निर्माण की लागत 173.5 करोड़ थी जो अब बढ़कर करीब 190 करोड़ पहुंच गई है।