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DevBhoomi Insider Desk
• Sat, 3 Sep 2022 1:04 pm IST


सल्ट के कफल्टा कांड की याद दिला गई भिकिसैंण के नृशंस हत्याकांड की घटना


भिकियासैंण में हुई ताजा घटना ने 1980 में सल्ट के कफल्टा कांड की यादें ताजा कर दी हैं। कफल्टा में भी मंदिर के आगे से बरात गुजारने को लेकर हुए संघर्ष में अनुसूचित जाति के 14 लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई थी। उन्हें एक कमरे में बंद कर सवर्ण लोगों ने जिंदा जला दिया था। कुछ मह पूर्व सल्ट क्षेत्र में अनुसूचित जाति के दूल्हे को घोड़े से उतारने के मामले का विवाद भी सुर्खियों में रहा।

अंतर्जातीय प्रेम विवाह करने के जुर्म में भिकियासैंण में अनुसूचित जाति के युवक की उसके ससुरालियों ने मिलकर नृशंस हत्या कर दी। घटना से लोगों को 1980 में हुए कफल्टा कांड की याद ताजा हो गई। तब लोहार जाति के श्याम प्रसाद की बरात कफल्टा गांव से होकर गुजर रही थी तो कुछ महिलाओं ने दूल्हे से कहा कि वह भगवान बदरीनाथ के प्रति सम्मान दिखाए और पालकी से उतर जाए। अनुसूचित जाति के लोगों ने ऐसा करने से मना कर दिया, इससे वहां विवाद बढ़ गया।महिलाओं ने पुरुषों को आवाज दी जिसके बाद गांव में उन दिनों छुट्टी पर आये खीमानंद नामक एक फौजी ने जबरन पालकी को उलटा दिया। खीमानंद की इस हरकत से नाराज हुए अनुसूचित जाति के लोगों ने उन पर हमला बोल दिया और उनकी मृत्यु हो गई। घटना का बदला लेने के लिए सवर्ण एक हो गए। जान बचाने के लिए सभी बरातियों ने कफल्टा में रहने वाले इकलौते अनुसूचित जाति के नरी राम के घर पनाह ली और कुंडी भीतर से बंद कर दी।