रुद्रप्रयाग: एकादशी के पावन पर्व पर पांडवों के देव निशानों के साथ भरदार पट्टी के भक्तों ने अलकनंदा-मंदाकिनी के पावन संगम तट पर गंगा स्नान किया. इसके साथ ही तरवाड़ी गांव में पांडव नृत्य का मंचन भी शुरू हो गया है. पांडव नृत्य का मंचन करीब एक माह तक चलेगा. इसमें प्रवासी ग्रामीणों के साथ ही धियाणिया इस परम्परा का हिस्सा बनते हैं और अपने पूर्वजों को याद करते हुए भगवान बदरी विशाल का आशीर्वाद लेते हैं. इससे पूर्व सोमवार देर शाम ग्रामीण ढोल-दमाऊं के साथ देव निशान एवं घंटियों को स्नान कराने के लिए अलकनंदा-मंदाकिनी के संगम स्थल पर पहुंचे थे.विगत वर्षों की भांति इस बार भी देवउठनी एकादशी की पूर्व संध्या पर दरमोला, तरवाड़ी, स्वीली-सेम गांव के ग्रामीण देव निशानों को पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ गंगा स्नान के लिए अलकनंदा-मंदाकिनी के तट पर पहुंचे. यहां पर ग्रामीणों ने रात्रिभर जागरण करने के साथ देवताओं की चार पहर की पूजाएं संपन्न कीं. इस अवसर पर भंडारे का आयोजन भी किया गया.