डायबिटीज की
बीमारी को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां हैं, जबकि सच यह है
कि डायबिटीज का मरीज भी एक स्वस्थ व्यक्ति की तरह ही सामान्य जीवन जी सकते हैं।
पहले तो ये समझिए की डायबिटीज का मीठा खाने से कोई संबंध नहीं है। कई लोग जो रोज
मीठा खाते हैं उन्हें भी डायबिटीज नहीं होती, जबकि कई
डायबिटीज मरीज ऐसे भी हैं जो मीठा बिल्कुल नहीं खाते। दरअसल, डायबिटीज होने का कारण इन्सुलिन की कमी या इन्सुलिन रेजिस्टेंस है, मीठा खाना नहीं। लेकिन इसका ये मतलब कतई नहीं है कि डायबिटीज होने के बाद भी
शुगर खाना उसी मात्रा में बरकरार रखा जाए। डायबिटीज के मरीज मिठाई डॉक्टर की सलाह
से खा सकते हैं। इसके साथ ही मिठास के लिए शक्कर की जगह एस्पार्टेम (कम कैलोरी
वाला स्वीटनर) का उपयोग करना इनके लिए फायदेमंद है। कई लोगों में ये मिथ है कि डायबिटीज के मरीजों को मीठे फल, आलू और चावल खाना बिल्कुल बंद कर देना चाहिए। जबकि ऐसा नहीं है। ये मरीज कोई
भी फल 100 से 200 ग्राम प्रतिदिन खा सकते हैं, ध्यान केवल इस बात का रखना होता है कि फल
बहुत ज्यादा मीठे ना हों। आलू और चावल भी कभी-कभी थोड़ी मात्रा में खाए जा सकते
हैं। दरअसल, डायबिटीज के मरीज हर वो चीज खा सकते हैं जो सामान्य व्यक्ति
खा सकता है। कभी-कभी मिठाई भी, लेकिन सीमित मात्रा में। दवाई समय पर लेना
इनके लिए जरूरी है।