कालिका वन रेंज में देश का पहला हीलिंग सेंटर यानि वन एवं प्राकृतिक उपचार केंद्र लोगों को खूब भाने लगा है। विभिन्न राज्यों से सैरसपाटे को यहां पहुंचने वाले खासतौर पर प्रकृति प्रेमी सैलानी मानसिक सुकून के लिए जैवविविधता से लबरेज जंगल में चीड़ के पेड़ों से लिपटे देखे जा सकते हैं।
चूंकि वनाग्नि के लिहाज से घातक समझे जाने वाला चीड़ वृक्ष मानवमित्र भी है और इससे निकलने वाला तैलीय यौगिक श्वेत रक्त कणिकाओं में बढ़ोतरी कर प्रतिरोधी क्षमता में वृद्धि करता है। इसीलिए बड़े ही नहीं बच्चे भी एकाग्रता व तनावमुक्ति को यहां का रुख करने लगे हैं।पर्यटक नगरी रानीखेत से लगभग छह किमी दूर कालिका में यही कोई 13 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है हीलिंग सेंटर। हीलिंग अर्थात रोग हरने वाली प्रकिया यूं तो भारतीय दर्शनशास्त्र में वैदिककाल से ही चली आ रही है।