कोटद्वार क्षेत्र में चैनेलाइजेशन के नाम पर भले ही नदियों ने सोना उगला हो, लेकिन आमजन को इससे कोई फायदा नहीं हुआ। भवन निर्माण का सपना देख रहे आम आदमी की जेब आज भी धड़ल्ले से कट रही है और देखने-सुनने वाला कोई नहीं। हालात यह हैं कि क्षेत्र की नदियों से बरसात में भी हजारों टन उपखनिज निकालकर राज्य की सीमाओं से बाहर बेच दिया गया। जब आमजन को उपखनिज की जरूरत पड़ रही है तो वह महंगे दामों पर उपखनिज खरीदने को मजबूर है। कोटद्वार क्षेत्र में मालन, सुखरो व खोह नदी को चैनेलाइजेशन के नाम पर पूरी तरह खंगाल दिया गया है। नियमों को ताक में रख जमकर उपखनिज की चोरी हो रही है। प्रतिदिन हजारों टन उपखनिज क्षेत्र की सीमाओं से बाहर निकल क्रसरों में जा रहा है और सरकारी तंत्र देखने के बाद भी आंखें मूंदे बैठा है।