नई दिल्ली: भारत के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपना पद छोड़ने
से एक दिन पूर्व रविवार को देश के नाम आभार संबोधन दिया है। उन्होंने अपने
अनुभवों पर चर्चा करते हुए कहा कि अनेक देशवासियों से मिलने के बाद मेरा विश्वास
दृढ़ हुआ कि हमारे लोग ही असली राष्ट्र निर्माता हैं। ऐसे महान देशवासियों के हाथ
में हमारा भविष्य सुरक्षित है।
आभार संबोधन में राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि जब एक बालक के
तौर पर मैं अपने छोटे से गांव में अपने भविष्य को समझने का प्रयास कर रहा था, तब आजादी मिले
कुछ ही समय हुआ था। मुझे भरोसा था कि मैं भी राष्ट्र निर्माण में कुछ योगदान करूंगा।
यह भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि इसमें नागरिकों के लिए दरवाजे खुले हैं कि वह
कुछ भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा, हमारे पूर्वजों
और हमारे आधुनिक राष्ट्र-निर्माताओं ने अपने कठिन परिश्रम और सेवा भावना से न्याय, समता, स्वतंत्रता और बंधुता के
आदर्शों को चरितार्थ किया था। हमें केवल उनके पदचिह्नों पर चलना है और आगे बढ़ते
रहना है।
जनता और प्रधानमंत्री की तारीफ
रामनाथ कोविंद ने कहा, अपने कार्यकाल
के दौरान उन्हें समाज के सभी वर्गों से पूरा सहयोग, समर्थन और आशीर्वाद मिला। उन्होंने कहा कि कानपुर देहात के
एक गांव का आदमी आज आपको संबोधित कर रहा है तो यह भारत के लोकतंत्र की जीवंतता का
प्रमाण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कोविंद कहा कि हाल ही में
प्रधानमंत्री जी भी मेरे गांव आए और उन्होंने गांव का मान बढ़ाया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने कार्यकाल के पांच वर्षों
को लेकर कहा, मैंने अपने कार्यकाल के दौरान अपनी पूरी
योग्यता से अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। मैं डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, डॉक्टर एस.
राधाकृष्णन और डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जैसी महान विभूतियों का उत्तराधिकारी होने
के नाते बहुत सचेत रहा हूं।