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• Mon, 10 May 2021 9:39 am IST


गीता विज्ञान आश्रम में कोरोना से निजात दिलाने को शुरू किया गायत्री महायज्ञ


हरिद्वार। श्री गीता विज्ञान आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कोरोनावायरस के प्रभाव को समाप्त करने के लिए गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ किया है। जो आश्रम के संत एवं स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती, संस्कृत विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा दैनिक क्रिया कर्म अनुसार संचालित किया जा रहा है और कोरोना के प्रभाव हीन होने तक यह महायज्ञ अनवरत जारी रहेगा।
गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ कराते हुए वयोवृद्ध महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि वेद माता गायत्री सृष्टि की सर्वोच्च दैवीय शक्ति है और गायत्री मंत्र के उच्चारण मात्र से आसुरी एवं अनिष्टकारी प्रवृत्तियों का शमन हो जाता है। गायत्री मंत्र को सनातन धर्म का महामंत्र बताते हुए उन्होंने कहा कि वे स्वयं गुरु मंत्र के रूप में अपने शिष्यों को गायत्री मंत्र से ही दीक्षित करते हैं।
गायत्री मंत्र का शाब्दिक अर्थ एवं व्याख्या का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि इस मंत्र में भी गीता के उपदेशों के अनुरूप संपूर्ण सृष्टि के कल्याण की कामना की गई है। गायत्री महायज्ञ में होने वाले प्रतिदिन 11000 पाठ और उसके दशांश में हवन को प्राकृतिक वातावरण में शुद्धि का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि बढ़ते शहरीकरण के कारण हुए उपयोगी वृक्षों के कटान से वातावरण में ऑक्सीजन समाप्त हो रही है।
इसीलिए आज कृत्रिम ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही है। उन्होंने नीम, पीपल, बरगद के वृक्ष तथा प्रत्येक घर में तुलसी के पौधों के रोपण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि वर्तमान परिस्थिति अपनी संस्कृति को विस्मृत करने की परिणति है। वृक्ष और जल धरा के जीवन आधार हैं। इनकी रक्षा करें और प्राकृतिक आपदाओं से मुक्त रहें।