देश में शहरीकरण की तेज रफ्तार के कारण बडे़ शहरों में रात का तापमान तेजी से बढ़ रहा है। शहरीकरण के कारण जनसंख्या घनत्व बढ़ने, घरों की आपसी दूरी कम होने और खेती की जमीन कम होने से ये बड़े शहर हीट आईलैंड की तरह काम कर रहे हैं। दून स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग के वैज्ञानिकों की ओर से किए गए शोध में यह खुलासा हुआ है।वैज्ञानिकों ने भारत के दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के 2001 से 2019 के बीच हुए बदलावों पर यह शोध किया है। शोध के मुताबिक, शहरों में बढ़ते रेडिएशन के खतरों के बीच खेती योग्य जमीन के कम होने, खुले क्षेत्र घटने, गगनचुम्बी इमारतों के बीच घिरते जा रहे लोग इस गर्मी का प्रमुख कारण हैं।
हवा की गति धीमी होने से स्थिर हो रही ऊष्मा, प्रदूषण से ग्रामीण इलाकों के मुकाबले बड़े शहरों में दस डिग्री सेल्सियस का तापमान अधिक पाया गया। वैज्ञानिकों का मानना है कि, बढ़ते तापमान से गर्मी से संबंधित बीमारी, वायु प्रदूषण, एयर कंडीशन के ज्यादा इस्तेमाल से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को बढ़ावा मिल रहा है।आईआईआरएस की साइंटिस्ट डा.क्षमा गुप्ता के मुताबिक दिल्ली एनसीआर जैसे शहरी इलाकों में सुबह साढ़े 10 से साढ़े 11 में ही हीट आइलैंड नहीं दिखते। वैज्ञानिक डा.क्षमा गुप्ता, डा.अरिजीत रॉय, आईआईटी रुड़की के डा.पुष्पलता गर्ग का दिल्ली व एनसीआर में दैनिक अर्बन हीट आईलैंड की मॉडल स्थिति का आकलन करता यह पत्र अमेरिकन जियो फिजिकल यूनियन में भी छपा है।