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• Sat, 6 Jul 2024 8:30 pm IST


प्रकृति से लगातार छेड़छाड़ किये जाने से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है :पर्यावरणविद जगत सिंह


रुद्रप्रयाग: पर्यावरण श्री पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध पर्यावरणविद जगत सिंह 'जंगली' ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार वन नीति और हिमालय नीति बनाने में विफल साबित हो रही है. जबकि हमारा हिमालय और वन दोनों ही खतरे में हैं. प्रकृति से लगातार छेड़छाड़ किये जाने से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है. ऐसे में समय रहते सभी को एक मंच पर आने की जरूरत है.मानवीय हस्तक्षेप से पर्यावरण को खतरा: पर्यावरण श्री पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध पर्यावरणविद जगत सिंह 'जंगली' ने बताया कि वे तीन दशक से अपने गांव स्थित कोट-मल्ला में मिश्रित वन को लेकर कार्य कर रहे हैं. मकसद पर्यावरण को सुरक्षित रखना है. जंगल को देखने के लिए देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी लोग पहुंच रहे हैं. मिश्रित वन में देवदार, बांज, चीड़ जैसे 70 तरह के पांच लाख से अधिक पेड़ हैं. यह क्षेत्र चारों ओर से हरियाली से घिरा है. ऐसे में यहां का वातावरण काफी मात्रा में शुद्ध रहता है.पर्यावरणविद जगत सिंह ने बताया कि हिमालय क्षेत्र में निर्माण कार्य चल रहे हैं. हेलीकाॅप्टर उड़ रहे हैं.

प्रकृति से हो रही छेड़छाड़: लाखों की संख्या में आ रहे लोग कूड़ा-कचरा फैला रहे हैं. ऐसे में हिमालय क्षेत्र का सुरक्षित रह पाना मुश्किल है. एक तरफ हिमालय में निर्माण कार्य, हेलीकॉप्टर सेवा के साथ लाखों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं, वहीं हिमालय को बचाने के लिए कोई भी कार्य नहीं हो रहे हैं. आपदा के बाद से केदारनाथ धाम में निर्माण कार्य चल रहे हैं. हेली सेवाओं की गर्जना से ग्लेशियर टूट रहे हैं, वहीं जीव-जंतुओं पर भी असर पड़ रहा है. सबसे बड़ी बात हिमालय को खतरा पैदा हो गया है. हिमालय का पर्यावरण प्रदूषित हो गया है. केदारनाथ जा रहे लोग प्रदूषण फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि धाम स्वच्छ स्थान पर बसा है. मनुष्य ने अपनी सुविधाओं को लेकर धाम के ईको सिस्टम को बिगाड़ दिया है.