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DevBhoomi Insider Desk
• Mon, 2 Jan 2023 4:03 pm IST


Success Story: सेल्फ स्टडी कर पहले ही अटेंप्ट में IAS अफसर बनीं रुक्मणी रियार, जानें कैसे की तैयारी


 सिविल सेवा परीक्षा को पास करने के लिए कई स्टूडेंटस कई-कई साल तक तैयारी करते हैं। कोचिंग का सहारा लेते हैं बावजूद इसके वे सफलता का स्वाद नहीं चख पाते। वहीं कुछ स्टूडेंट्स सेल्फ स्टडी पर भरोसा करते हैं और सफलता की इबारत लिख देते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे पंजाब के गुरदासपुर की रहने वाली रुक्मणी रियार ने बिना कोचिंग के यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और पहले ही अटेंप्ट में ऑल इंडिया दूसरी रैंक हासिल की और कीर्तिमान रच दिया। आईएएस  अफसर रुक्मणी रियार शुरू में बहुत अच्छी स्टूडेंट नहीं थीं। आलम ये था कि वे छठी क्लास में ही फेल हो गई थीं।  फेल होने के बाद वह घरवालों और टीचर्स के सामने जाने से भी घबराती थी। उन्हें ऐसा महसूस होता था कि लोग उनके बारे में क्या सोच रहे होंगे। उन्हें शर्म आती थी और हमेशा तनाव में रहती थी। 
कई महीने के बाद उन्होंने खुद को इससे बाहर निकाला और डर को ही अपनी ताकत बना लिया। रुक्मणी रियार की प्रारंभिक शिक्षा गुरदासपुर से हुई। 12वीं क्लास के बाद उन्होंने अमृतसर के गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी से सोशल साइंस में स्नातक कंप्लीट किया। इसके बाद रुक्मिणी ने मुंबई में टाटा इंस्टीट्यूट से सामाजिक विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन किया और गोल्ड मेडल जीता।  पोस्ट-ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद  रुक्मणी रियार ने योजना आयोग के अतिरिक्त मैसूर में अशोद्या और मुंबई में अन्नपूर्णा महिला मंडल जैसे एनजीओ के साथ इंटर्नशिप की। इसी दौरान रुक्मणी का रुझान सिविल सेवा की तरफ हुआ और वह सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी में जुट गई।
  रुक्मिणी ने अपनी  कड़ी मेहनत से पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की।  यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए उसने कोई कोचिंग नहीं ली। उन्होंने खुद से तैयारी की और 2011 में यूपीएससी में ऑल इंडिया रैंक 2 हासिल की और आईएएस अधिकारी बन गई। यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए रुक्मणी रियार ने क्लास 6 से 12वीं तक एनसीईआरटी की किताबों से तैयारी की। वहीं इंटरव्यू की तैयारी के लिए उन्होंने अखबार और मैगजीन पर भरोसा जताया। रुक्मणी ने परीक्षा के दौरान गलतियों को कम करने के लिए कई मॉक टेस्ट में हिस्सा लिया। साथ ही पिछले कई सालों के पेपर भी सॉल्व किए।