चमोली-दीदी के नाम से प्रसिद्ध केरल राज्य की तिलोतमा (75) के अपने मूल गांव लौटने पर लोगों ने उन्हें विदाई दी। तिलोतमा दीदी स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत थीं और अपने सेवाकाल के 37 वर्ष उन्होंने पहाड़ी क्षेत्रों में बिताए। सेवानिवृत्त होने के बाद भी वे लंबे समय तक कर्णप्रयाग में रहीं और निस्वार्थ भाव से गर्भवती महिलाओं और बीमार बच्चों की सेवा की। कर्णप्रयाग में महिलाओं की संकटमोचक कही जाने वाली तिलोतमा केरल राज्य की हैं और वह स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत थीं। वर्ष 2006 में वह सेवानिवृत्त हो गई थीं और 15 सालों से निस्वार्थ रूप से महिलाओं और बच्चों की सेवा करती थीं। शनिवार को केरल से उनके परिजन उन्हें लेने कर्णप्रयाग पहुंचे। दीदी के मूल गांव लौटने पर कर्णप्रयाग में लोग रो पड़े। इस मौके पर कर्णप्रयाग अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ. राजीव शर्मा, पूर्व पालिकाध्यक्ष सुभाष गैरोला, राधा देवी, रीता जोशी, हरिकृष्ण भट्ट, दिनेश जोशी, कविता जोशी, कलावती देवी, राजेश जोशी, हरिकृष्ण भट्ट, चंडी प्रसाद, महेंद्र गैरोला, अनिल खंडूड़ी और गोपाल पुंडीर मौजूद थे।