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DevBhoomi Insider Desk
• Thu, 26 Jan 2023 4:13 pm IST


कण्व आश्रम में वसंतोत्सव की धूम, चक्रवर्ती राजा भरत की है जन्म स्थली!


पौड़ी ( कोटद्वार ) : चक्रवर्ती सम्राट राजा भरत की जन्म स्थली व महातेजस्वी कण्व ऋषि की कर्म स्थली कोटद्वार के कण्वाश्रम में माघ माह में तीन दिवसीय वसंतोत्सव मनाया जा रहा है. पौड़ी जनपद के कोटद्वार कण्वाश्रम में माघ मास में हर वर्ष की भांति पंचमी के दिन चक्रवर्ती राजा भरत की जन्म स्थली पर वसंतोत्सव मनाया जा रहा है. बताया जाता है कि लगभग 3500 पूर्व ऋषि वशिष्ठ व महर्षि कण्व का आश्रम हुआ करता था.ऋषि वशिष्ठ द्वारा इन्द्र देव की घोर तपस्या की गई. तपस्या को भंग करने के लिए स्वर्ग से आई मेनका नाम की अप्सरा ऋषि वशिष्ठ की तपस्या भंग करने में सफल हुई. जिसके बाद मेनका व ऋषि वशिष्ठ के मिलने से शकुन्तला नाम की कन्या की उत्पत्ति हुई. ऋषि वशिष्ठ ने अंतिम समय में शकुन्तला को ऋषि कण्व के आश्रम में सौंप दिया. मालिनी नदी के तट पर स्थित कण्वाश्रम का वर्णन भारत के प्राचीन ग्रंथों, पुराणों, महर्षि व्यास द्वारा रचित महाभारत तथा महान कवि कालिदास द्वारा अभिज्ञान शाकुन्तलम में व स्कन्द पुराण के केदारखंड के 57वें अध्याय में भी वर्णन इस प्रकार किया गया है.