रुद्रप्रयाग: मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से प्रसिद्ध रुद्रप्रयाग जिले की चोपता घाटी में इको टूरिज्म जोन तैयार होने जा रहा है. वन विभाग ने इसके लिए कवायद शुरू कर दी है. विभाग ने इको टूरिज्म बोर्ड को साढ़े तीन करोड़ रुपये की लागत का प्रस्ताव भेजा है. बोर्ड से स्वीकृति मिलने के बाद विभाग आगे की कार्रवाई शुरू कर देगा. प्रभागीय वन अधिकारी रुद्रप्रयाग अभिमन्यु ने बताया कि मुख्य सचिव ने सभी जिलों में इको टूरिज्म जोन तैयार करने के निर्देश दिए हैं. वन विभाग द्वारा किए गए सर्वे के आधार पर चोपता घाटी को जिले में इसके लिए सबसे उपयुक्त स्थान माना गया है.चोपता में हर साल देश-विदेश से पर्यटक पहुंचते हैं. यहां दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर तुंगनाथ स्थित है जिसके दर्शनों को प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. इसके अलावा विंटर टूरिज्म के लिए भी हजारों पर्यटक हर साल यहां आते हैं. यहां पर व्यवस्थित टूरिज्म जोन विकसित होने से राज्य सरकार एवं स्थानीय जनता दोनों को लाभ होगा. विभाग ने लैंडस्केप आर्किटेक्ट की मदद से साढ़े तीन करोड़ की लागत की डीपीआर इको टूरिज्म बोर्ड एवं शासन को भेज दी है. स्वीकृति मिलने पर फेज-1 का कार्य 2023-24 व फेज-2 का कार्य 2024-25 में किया जाएगा.