चंपावत- कोरोना काल में लगातार अपनी ड्यूटी का निर्वहन कर रहे स्वजल परियोजना के कर्मचारियों को बीते 11 माह से मानदेय का भुगतान नहीं हो पाया है। इसके चलते कर्मचारियों को आर्थिक संकटों से जूझना पड़ रहा है। उनका कहना है कि एक तो कोरोना के कारण उनके मानदेय में कटौती की गई है, दूसरे 11 माह से मानदेय का भुगतान नहीं होने से कर्मचारी आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं।
स्वजल परियोजना के सहायक लेखाकार किशोर सिंह मेहता, डाटा इंट्री आपरेटर भगवती प्रसाद ओझा, श्रवण कुमार, सुरेश चंद्र जोशी, हरीश चंद्र सिंह आदि का कहना है कि पिछले 11 महीनों से प्रदेश भर के कर्मचारियों की ओर से बगैर वेतन भत्तों के अपने परिवार का भरण पोषण एवं जीवन यापन जैसे तैसे इस उम्मीद के साथ किया जा रहा था कि इनके लंबित समस्त वेतन भत्तों का भुगतान शीघ्र प्राप्त हो जाएगा। परंतु अचानक से जनवरी 2021 में 11 महीनों के बाद इन कर्मचारियों के मानदेय को एक चौथाई करने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया है। वर्तमान में प्रदेश भर के कर्मचारियों को विभाग की ओर से जो एक चौथाई वेतन का भुगतान किया गया है, उससे कर्मचारियों के पिछले 11 महीनों की देनदारियों की भरपाई नहीं कर सकते हैं।