सीमांत तहसील धारचूला में भारत-नेपाल के बीच सीमा बनाने वाली काली नदी के किनारे बन रहे तटबंध की अब नियमित मानीटरिग होगी। जिलाधिकारी ने सिचाई विभाग को मानूसन काल से पहले तटबंध निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने तटबंध निर्माण के कार्य को प्राथमिकता में रखा है। मानसून काल में काली नदी उफान पर होती है। वर्ष 2013 में काली नदी ने धारचूला से जौलजीबी तक भारी तबाही मचाई थी। कई नाली भूमि काली नदी की भेंट चढ़ गई। बलुवाकोट के पास पूरा एनएच काली नदी बहा ले गई। कई मकान क्षतिग्रस्त हुए थे।
बाद के वर्षो में भी काली नदी लगातार भारतीय क्षेत्र को नुकसान पहुंचा रही है। समस्या को देखते हुए शासन ने धारचूला कस्बे में काली नदी के किनारे सुरक्षा की दृष्टि से तटबंध बनाने को स्वीकृति दी है। कार्य दिसंबर में शुरू हो जाना था, लेकिन खनन की अनुमति नहीं मिलने से मामला लटक गया। फरवरी माह में प्रशासन ने इस दिशा में पहल की। जिलाधिकारी आशीष चौहान ने खुद धारचूला पहुंचकर स्थलीय निरीक्षण कर कार्य शुरू कराया।