मॉनसून सीजन में प्रदेश में हो रही बारिश के कारण पहाड़ी जनपदों के साथ ही मैदानी जिलों में भी जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस दौरान पौड़ी जनपद में आपदा प्रभावितों को कुछ सालों तक जिला प्रशासन ने खाली पड़े सरकारी भवनों में ठहरा के शरण दी थी। लेकिन अब इन्हें भवन खाली करने के नोटिस दिए जा रहे हैं। डीएम विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि तय सीमा के लिए ही प्रभावितों को भवनों में आपदा मानकों के तहत ठहराया जाता है। समय सीमा पूरी होने के बाद इन भवनों को खाली करवाने की कार्रवाई अमल में लाई जाती है। ताकि आपदा दौर में बेघर हो चुके अन्य बेसहारा परिवारों के ठहरने के व्यवस्था बनाई जा सके। उन्होंने बताया कि 6 माह तक पीड़ित परिवारों को मोहलत दिये जाने पर विचार-विमर्श करने के बाद ही फैसला करेंगे।