उत्तराखंड में भवनों की अधिकतम ऊंचाई बढ़ाने की तैयारी
प्रदेश में भवनों की अधिकतम ऊंचाई बढ़ाने की तैयारी है। टाउन प्लानिंग विभाग ने इसके लिए नया बिल्डिंग बायलॉज प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें प्रदेश को जोनवार बांटकर अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अधिकतम ऊंचाई तय की जारही है । शासन से मंजूरी मिलने के बाद अब इसे प्रदेशभर में लागू किया । पहाड़ी क्षेत्रों में अधिकतम नौ और मैदानी क्षेत्रों में अधिकतम 30 मीटर ऊंचाई के भवन बने जा सकते है एमडीडीए दून रेलवे स्टेशन का रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (आरएलडीए) के साथ मिलकर पुनर्निर्माण होरहा है। इस परियोजना के तहत रेलवे स्टेशन परिसर के तीन टावर बनाए जा रहे । इन टावरों की ऊंचाई क्रमश: 83.5, 56 और 45 मीटर प्रस्तावित की हुई है ।
ऐसे में इन तीन टावरों के निर्माण के लिए एमडीडीए ने टाउन प्लानिंग विभाग से अधिक ऊंचाई (हाईराइज) वाले भवनों के बिल्डिंग बायलॉज का नया प्रस्ताव तैयार किया । एमडीडीए ने केवल दून के लिए बायलॉज तैयार किया है। लेकिन अगर शासन इसे मंजूरी दे रही है तो यह प्रदेशभर में लागू होगा। क्षेत्रवार इसमें कुछ प्रावधान अलग-अलग हो सकते हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत प्रस्ताव को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी देदी हैं। जनवरी के तीसरे सप्ताह में इसे कैबिनेट में रखा जाएगा।
आईआईटी कर रहा मिट्टी की जांच
रेलवे स्टेशन की ऊंची इमारतों का निर्माण शुरू होने से से पहले आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिक मिट्टी की गुणवत्ता की जांच होरही हैं। इससे यह पता चलेगा कि क्या प्रस्तावित स्थल की मिट्टी इतनी ऊंची बिल्डिंग का बोझ सह सकती है या नहीं। इसकी रिपोर्ट के आधार पर ही अलग-अलग क्षेत्रों के लिए इमारतों की अधिकतम ऊंचाई तय की जा सकती है ।