cहोम्योपैथी चिकित्सा में विभिन्न रोगों का इलाज करने के लिए पौधों और खनिजों जैसे प्राकृतिक पदार्थों की छोटी खुराक का उपयोग होता है। इस प्राचीन पद्धति से बुखार, खांसी, गठिया और डायबिटीज जैसी बीमारियों का इलाज किया जाता है।
ऑटो-इम्यून डिजीज - एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करता है। ये हैं रूमेटाइड आर्थराइटिस, सीलिएक डिजीज, सोजोग्रेन सिंड्रोम, एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस, एलोपेसिया आदि।
अपक्षयी रोग- विभिन्न अंग काम करने बंद कर देते हैं। इनमें ऑस्टियोआर्थराइटिस, कैंसर, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियां शामिल हैं।
मासिक धर्म संबंधी विकार - मासिक धर्म संबंधी विकार ऐसी समस्याएं हैं, जो एक महिला के सामान्य मासिक धर्म यानी पीरियड्स पर असर डालती है। इसमें डिसमेनोरिया, मेनोरेजिया, एमेनोरिया, प्री-मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम आदि हैं।
मानसिक रोग- ये ऐसे लोग हैं, जिनमें व्यक्ति के विचारों, भावनाओं, व्यवहार या मनोदशा पर नेगेटिव असर पड़ता है। इनमें ऑटिज्म, बाइपोलर डिसऑर्डर, डिप्रेशन आदि बीमारियां शामिल हैं।
तीव्र या मौसमी रोग - तीव्र या मौसमी बीमारियां अचानक शुरू होती हैं। मौसमी बीमारियां विभिन्न मौसमों के दौरान पर्यावरण की स्थिति में बदलाव के कारण उत्पन्न होते हैं। इनमें बुखार, सामान्य जुखाम, गले में संक्रमण, डायरिया, फ्लू, एलर्जी आदि को रिकवर किया जा सकता है।