इस बार बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के कार्यों के साथ ही तीर्थयात्रा का संचालन जिला प्रशासन और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के लिए चुनौतिपूर्ण रहेगा। यहां यात्राकाल में भी मास्टर प्लान के कार्य जारी रहेंगे। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि बदरीनाथ धाम में दस हजार तक तीर्थयात्रियों को ठहरने की व्यवस्था की गई है। धाम में अधिक संख्या में तीर्थयात्रियों के पहुंचने पर उन्हें गोविंदघाट, पांडुकेश्वर और जोशीमठ भेजा जाएगा।बदरीनाथ धाम के कपाट आठ मई को खुल जाएंगे, जिसे लेकर जिला प्रशासन तैयारियों में जुट गया है। धाम में मास्टर प्लान के कार्य चल रहे हैं। यहां नर पर्वत (बदरीनाथ बाजार) की ओर शेषनेत्र व बदरीश झील, अस्पताल विस्तारीकरण और बाईपास सड़क निर्माण कार्य गतिमान हैं, जबकि नर पर्वत (बदरीनाथ धाम की तरफ) की तलहटी में फुटपाथ, अलकनंदा किनारे घाट और रीवर फ्रंट के कार्य किए जा रहे हैं। बदरीनाथ में कई सरकारी व निजी भवनों का ध्वस्तीकरण पूर्व में ही किया जा चुका है। नगर पंचायत, जल संस्थान, ऊर्जा निगम सहित अन्य यात्रा से जुड़े विभागों के कार्यालयों के संचालन के लिए जिला प्रशासन ने श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति से चार धर्मशालाओं का अधिग्रहण किया है। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि धाम में तीर्थयात्रियों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। धाम में दस से बारह हजार तीर्थयात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है। यदि इससे अधिक संख्या में यात्री पहुंचे तो उन्हें गोविंदघाट, पांडुकेश्वर व जोशीमठ भेजा जाएगा।