चंपावत-कोरोना महामारी के चलते आम की फसल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। बाहर से लेबर नहीं आ पाने से बागानों में तैयार हो रही आम की फसल पेड़ों में बरबाद होने की आशंका है। क्षेत्र में करीब तीन दर्जन छोटे-बड़े ठेकेदारों की करीब दस करोड़ से अधिक की रकम बागानों पर लगी है।
लेबर नहीं मिलने से बागानों का रखरखाव करने में ठेकेदारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वे सरकार और प्रशासन से आम की फसल तोड़ते तक बाहरी लेबरों की व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। पिछले वर्ष भी बागान ठेकेदारों को नुकसान हुआ था।