प्रदेश में धान की खरीद को लेकर विपक्ष कांग्रेस ने सदन में जमकर हंगामा किया। विपक्ष ने सरकार पर गलत जानकारी देने का आरोप भी लगाया। विपक्ष ने कहा कि जो आंकड़े सरकार दे रही है या तो वे त्रुटिपूर्ण हैं या फिर इसमें अरबों रुपये का घोटाला है। प्रदेश की कुल कृषि भूमि के हिसाब से भी इतनी धान की पैदावार होना संभव नहीं है। वहीं सरकार ने कहा कि जिस आंकड़े को लेकर विपक्ष हंगामा कर रहा है, वह प्रस्तावित खरीद है। यह कम और ज्यादा हो सकता है। सरकार ने किसानों के हित में 72 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि भी की है।
बुधवार को सदन में विधायक मंगलौर काजी निजामुद्दीन ने धान खरीद का मसला उठाया। उन्होंने सरकार से पूछा की सरकार ने खरीफ की फसल का कितना लक्ष्य रखा है। गत वर्ष की तुलना में कितना अधिक धान खरीदने की योजना सरकार बना रही है। इसका जवाब देते हुए संसदीय कार्य एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि सरकार ने धान खरीद का लक्ष्य 15 लाख मीट्रिक टन निर्धारित करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है। इस पर विपक्ष ने गलत आंकड़े प्रस्तुत करने का आरोप लगाया। विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा कि प्रदेश में सरकारी तोल केंद्रों की संख्या 247 है। इस हिसाब से हर केंद्र में 60729 कुंतल धान तोलना होगा। दो माह खरीद का समय माना जाए तो हर दिन केंद्र में 1012 कुंतल धान तोलना होगा।