मलारी हाईवे पर रविवार को नौवें दिन भी वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है। हालांकि चट्टान से भूस्खलन थमने के बाद बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) ने जेसीबी के जरिए हाईवे से बोल्डर और मलबे को हटाना शुरू कर दिया है।
देर शाम तक बीआरओ ने नीती घाटी के 50 ग्रामीणों को पैदल रास्ते से आवाजाही कराकर गंतव्य को भेजा। हालांकि हाईवे बंद होने से नीती घाटी के 16 गांवों के करीब 400 ग्रामीण अभी भी अपने गांवों में ही कैद हैं। ऐसे में गांवों में राशन पहुंचाने और जरूरतमंदों के लिए हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराया गया है। पिथौरागढ़ से गौचर पहुंचे एसडीआरएफ के हेलीकॉप्टर से सोमवार को नीती घाटी में हेली रेस्क्यू कार्य शुरू किया जाएगा।