स्पाइसजेट की मुंबई-दुर्गापुर उड़ान के दौरान सामने आई घटना को लेकर विमानन नियामक सख्त हो गया है। इस हादसे को एक आंख खोलने वाली घटना करार देते हुए डीजीसीए ने घोषणा की है कि अब विमानों की रात में जांच शुरू की जाएगी। जांच के दौरान अगर विमानों में कमी पाई गई तो वे उड़ान नहीं भर सकेंगे। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के डायरेक्टर जनरल अरुण कुमार ने स्पाइसजेट मामले को लेकर ये निरीक्षण कार्यक्रम शुरू करने का आदेश दिया है। डीजीसीए ने कहा है कि कमजोर या पुराने फ्लीट वाले भारतीय विमानों की अब देश के प्रमुख हवाई अड्डों पर जांच की जाएगी। इन विमानों की फिटनेस चेक करने के साथ केबिन की जांच तब की जाएगी जब ये रात में हवाई अड्डों पर पार्क होंगे। यहां बता दें कि हादसे के बाद अब तक स्पाइसजेट के बेड़े में शामिल 70 विमानों की जांच की गई है।