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DevBhoomi Insider Desk
• Sun, 15 Aug 2021 7:30 am IST


मुहर्रम का चांद दिखते ही मुरादाबाद में मजलिसें शुरू


मुहर्रम का चांद दिखने के बाद शिया समाज में गम का माहौल है। कर्बला के शहीदों का गम मनाने के लिए पुरुषों ने रंग-बिरंगे लिबास उतारकर काला लिबास पहन लिया है तो महिलाओं ने जेवर और चूड़ियां उतार दीं हैं। घरों और मस्जिदों, इमामबाड़ा में गम मजलिसों का दौर जारी है, जिसमें कर्बला की लड़ाई और हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की शहादत को याद किया जा रहा है।
मुहर्रम माह में इन दिनों घरों और मस्जिदों में मजलिसों का दौर चल रहा है। मुहर्रम के 10वें दिन 20 अगस्त को यौम-एक आशुरा मनाया जाएगा। बीते 10 अगस्त को चांद दिखने के साथ ही मुहर्रम महीना और इस्लामिक कैलेंडर हिजरी 1443 का आगाज हो चुका है। शिया समुदाय इस महीने को गम के रूप में मनाता है। इन दिनों घरों और मस्जिदों पर मजलिसें चल रही हैं। उलेमा द्वारा कर्बला में जंग के वाक्या के बारे में बताया जा रहा है। समाजसेवी हसन जैदी बताते हैं कि महीने के शुरुआती 10 दिनों तक यह कार्यक्रम चलता रहेगा। 10वें दिन मातमी जुलूस निकाला जाता है। इस बार प्रशासन की अनुमति मिलती है तो तभी जूलूस निकाला जाएगा। वहीं ताजियों को दफन किया जाएगा।