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DevBhoomi Insider Desk
• Tue, 11 Oct 2022 9:30 am IST


कब है छठ महापर्व, याद कर लें नहाय, खरना की तारीख, सूर्योदय-सूर्यास्त का सही समय


आस्था का सबसे बड़ा महापर्व छठ पूजा नजदीक है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा होती है। ये महापर्व चार दिनों तक चलता है, जिसमें सूर्यदेव और छठी मैय्या की पूजा की जाती है। इस वर्ष छठ 28 अक्टूबर से नहाए-खाए के साथ शुरू होगी। वहीं, 29 अक्टूबर को खरना है। जबकि 30 अक्टूबर को सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। 31 अक्टूबर को सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ इस महापर्व का समापन हो जाएगा। छठ पूजा में महिलाएं संतान की लंबी आयु, स्वस्थ जीवन और सुख-समृद्धि के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं। आइए जानते हैं छठ पूजा का मुहूर्त, नहाय-खाय, खरना की तारीख, सूर्योदय पूजन मुहूर्त और सूर्यास्त पूजन मुहूर्त कब है।

पहला दिन - शुक्रवार
नहाय खाय- 28 अक्टूबर
इस महापर्व की शुरुआत नहाय खाय से होती है। इस दिन महिलाएं स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेती हैं और सात्विक भोजन जैसे चने की दाल, लौकी की सब्जी, भात खाती हैं। इस दिन पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है।

दूसरा दिन - शनिवार
खरना-29 अक्टूबर
छठ महापर्व के दूसरे दिन व्रत रखने वाली महिलाएं गुड़ की खीर का प्रसाद बनाती है। इस प्रसाद को रात में ग्रहण किया जाता है। खरना का तात्पर्य तन और मन के शुद्धिकरण से होता है। इस दिन से व्रती महिलाओं का 36 घंटे का व्रत शुरू हो जाता है जो सप्तमी पर समाप्त होता है।

तीसरा दिन - रविवार
अस्तगामी सूर्य को अर्घ्य-30 अक्टूबर
छठ महापर्व के तीसरे दिन छठी मैय्या और सूर्यदेव का पूजन होता है। शाम को सूर्यास्त के समय व्रती महिलाएं नदी, तालाब या घर में ही पानी में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं।

चौथा दिन -सोमवार
उदयीमान सूर्य को अर्घ्य- 31 अक्टूबर 
महापर्व के चौथे और अंतिम दिन व्रती महिलाएं पानी में खड़े होकर उगते सूर्य को अर्घ्य देती हैं। इसके बाद ही छठ पूजा का समापन होता है। सबसे अंत में व्रत का पारण किया जाता है।

आवश्यक समय
तीसरे दिन सूर्यास्त का समय - शाम 5 बजकर 37 मिनट। 
चौथे दिन सूर्योदय का समय- सुबह 6 बजकर 31 मिनट। 
षष्ठी तिथि आरंभ - 30 अक्टूबर, सुबह 05.49 बजे।  
षष्ठी तिथि समाप्त - 31 अक्टूबर, सुबह 03.27 बजे।