उत्तराखंड के बड़े प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान योजना लागू नहीं हो पा रही है। जिससे आम लोगों और सरकारी कर्मचारियों को योजना के इन अस्पतालों में इलाज नहीं मिल पा रहा। इससे राज्य के लाखों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार ने 2018 में आम लोगों को निशुल्क इलाज के लिए आयुष्मान योजना शुरू की।
जबकि 2021 में सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स के लिए कैशलेस स्कीम गोल्डन कार्ड लागू की गई। इस योजना में अभी तक 122 सरकारी एवं प्राइवेट अस्पताल जुड़ चुके हैं लेकिन राजधानी के चार बड़े अस्पताल योजना में शामिल होने को राजी नहीं है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाल में आयोजित हुई आयुष्मान की गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में इस पर खासी नाराजगी जताई गई है।दरअसल राजधानी के इन चारों बड़े अस्पतालों में विभिन्न बीमारियों के सुपर स्पेशलिटी इलाज की क्षमता है। लेकिन इनके योजना में न होने से आम लोगों से लेकर कर्मचारी तक सभी परेशान हैं। राज्य के सभी कर्मचारी और पेंशनर्स संघ लम्बे समय से इन अस्पतालों को योजना में शामिल करने की मांग कर रही है लेकिन इसके बावजूद अभी तक अस्पताल योजना में शामिल नहीं हुए हैं।