नैनीताल : छोड़, छोड़ मेरे भाई को... ये आवाज लगाते हुए देव तेंदुए के सिर पर डंडे बरसाता रहा। आखिर देव की हिम्मत के आगे तेंदुए को हारकर मनीष को छोड़कर जंगल में भागना पड़ा। ये अदम्य साहस जिस देव ने दिखाया वह मात्र 12 वर्ष का बच्चा है। ये घटना चोरपानी के पास सती कॉलोनी में बगीचे के किनारे की है। घायल मनीष को अस्पताल ले जाया गया जहां उसके पैर पर चार टांके आए जबकि हाथों में भी जख्म हुए हैं। वहीं घटना के बाद वन विभाग ने क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है।
जानकारी के अनुसार चोरपानी के सती काॅलोनी में बगीचे के किनारे मजदूरी करने वाला प्रदीप कुमार परिवार के साथ झोपड़ी बनाकर रहता है। बृहस्पतिवार रात करीब नौ बजे प्रदीप पत्नी के साथ बगीचे में घास काटने गया था जबकि झोपड़ी में छोटा बेटा मनीष (8) और बड़ बेटा देव कुमार (12) थे। रात करीब 9:30 बजे देव ने बताया कि जब उसका छोटा भाई घर के बाहर की लाइट जलाने के लिए निकला तो झोपड़ी के बाहर चारपाई के नीचे बंधे उनके पालतू कुत्ते पर तेंदुआ ने हमला कर मार दिया।कुत्ते की आवाज सुनकर मनीष तेंदुए के चंगुल से बचाने के लिए उसे खोलने का प्रयास कर रहा था। तभी तेंदुए ने कुत्ते को छोड़कर उसके पैर में पंजे गड़ा दिए। मनीष के चिल्लाने की आवाज सुनकर देव बाहर आया। बाहर का नजारा देख पहले तो वह सन्न रह गया लेकिन फिर खुद को संभालते हुए पास पड़े डंडे को उठाकर छोड़, छोड़ मेरे भाई को... चिल्लाते हुए तेंदुए के सिर पर लगातार प्रहार करता रहा। इसके बाद तेंदुआ उसके भाई को छोड़कर बगीचे से होते हुए जंगल की ओर भाग गया।तेंदुए के हमले में घायल मनीष के हाथ और पैरों में पंजे से गहरे घाव बन गए थे। वहीं तेंदुए के हमले में मनीष के कुत्ते की मौत हो गई है। सूचना पर पहुंचे परिजन उसे रामनगर के सरकारी अस्पताल ले गए जहां मनीष के पैर में चार टांके आए। इलाज के बाद बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। वहीं घटना के बाद से आसपास के क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है।