राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना काल में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह चरमरा गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को देख लीजिए। उन्हें खुद को जब कोरोना हुआ तो इलाज कराने दिल्ली के एम्स पहुँच गए। राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा होती तो उन्हें दिल्ली न जाना पड़ता। कहा कि राज्य सरकार प्रवासियों को दिए गए रोजगार पर श्वेतपत्र जारी करे। सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा कि कोविड-19 का खतरा बढ़ते जा रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में लोग दम तोड़ रहे है। हाल आप देख ही रहे हैं। प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं होती तो मुख्यमंत्री को दिल्ली इलाज को नहीं जाना पड़ता। महामारी के एक साल बाद भी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में सरकार नाकाम साबित हुई है। सांसद टम्टा ने कहा कि कोरोना काल मे सरकार के आंकड़ों के अनुसार 6 लाख प्रवासी घर वापस आए। बीजेपी सरकार दावों के अनुरुप उनको रोजगार देने में असफल रही। आज हालात गांव में जाकर देख लीजिए। लोन की प्रक्रिया इतनी जटिल है कि उन्हें बैंकों से पैसा नहीं मिल पा रहा है। जिनको बाहरी राज्यों से बुलावा आया वह अपने काम पर वापस चले गए। पर राज्य सरकार उन्हें रोक न सकी। बस पलायन पर बात करती रही। सरकार ने अगर प्रवासियों के लिए कुछ किया है तो वह श्वेतपत्र जारी करे। के एम्स पहुँच गए। राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा होती तो उन्हें दिल्ली न जाना पड़ता। कहा कि राज्य सरकार प्रवासियों को दिए गए रोजगार पर श्वेतपत्र जारी करे।