केंद्र सरकार ने बंबई हाईकोर्ट से कहा कि, 5 जुलाई तक ‘फैक्ट चेक’ इकाई निकाय के गठन की सूचना नहीं देगा।
सरकार की किसी भी गतिविधि के संबंध में झूठी या नकली ऑनलाइन समाचारों की पहचान करने और टैग करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत अधिकार मिला है। बता दें कि, सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 में हालिया संशोधनों को चुनौती देने वाली स्टैंड अप कॉमेडियन कुणाल कामरा की याचिका के जवाब में जज गौतम पटेल और जज नीला गोखले की खंडपीठ के सामने ये बयान दिया गया है।
बंबई हाईकोर्ट ने सरकार के आश्वासन को स्वीकार कर लिया है। पीठ ने कहा कि, ‘फैक्ट चेक’ इकाई के अभाव में संशोधित नियम निष्क्रिय हो जाएंगे, इसलिए नियमों पर रोक लगाने के स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के अनुरोध पर तत्काल सुनवाई करने की जरूरत नहीं है।
बता दें कि, कामरा ने याचिका में संशोधित नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है। खंडपीठ ने उनकी याचिका पर अगली सुनवाई के लिए आठ जून की तारीख निर्धारित कर दी।