खुद को रोगग्रस्त बताकर चुनाव ड्यूटी से मुक्ति पाने की कोशिश में लगे कर्मचारियों को मेडिकल बोर्ड के सामने पेश होना होगा। मेडिकल बोर्ड ऐसे कार्मिकों की उपचार हिस्ट्री की जांच करेगा। इसके बाद ही उन्हें चुनाव से ड्यूटी से मुक्त करने पर फैसला लिया जाएगा। जिले में चुनाव ड्यूटी के लिए तैयार किए जा रहे पांच हजार कर्मचारियों का रविवार को प्रशिक्षण शुरू हो गया है। कई कर्मचारियों ने गंभीर रोगग्रस्त होने का हवाला देकर चुनाव ड्यूटी से खुद को हटाए जाने का आवेदन किया है। इनमें काफी कर्मचारियों के आवेदन प्रशासन को मिल गए हैं। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व केके मिश्रा ने बताया कि जो कर्मचारी बीमारी का हवाला देते हुए चुनाव ड्यूटी से राहत पाना चाहते हैं, उन्हें मेडिकल बोर्ड के सामने पेश होना होगा। बोर्ड से ग्रीन सिग्नल मिलने पर वह चुनाव ड्यूटी से हट पाएंगे। मेडिकल बोर्ड की पहली बैठक 18 जनवरी को होगी।
सबसे ज्यादा आवेदन लोनिवि के कर्मचारियों के
एडीएम ने बताया कि बीमारी के चलते चुनाव से हटने के लिए बीते दिनों तक 20 कर्मियों के आवेदन मिले हैं। इनमें सबसे ज्यादा लोनिवि से हैं। नए आवेदन भी आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिन बीस कर्मियों के पहले आवेदन मिले, उन्हें 18 जनवरी को बोर्ड के सामने पेश होना होगा। इनमें उरेडा के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी मनोज कुमार, लोनिवि के सहायक अभियंता विनेश कुमार, डाकपत्थर स्थित महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर पूरन सिंह, जवाहन नवोदल विद्यालय सहसपुर के कार्यालय अधीक्षक जेएस नेगी, जीआईसी रायवाला के परिचारक गंभीर सिंह रांगड़।