उत्तरकाशी: रवांई घाटी के रामा, कमल सिरांई पट्टी में भारी बारिश से सिंचाई नहरों को खासा नुकसान पहुंचा है. जिससे क्षेत्र की आजीविका का मुख्य जरिया प्रसिद्ध लाल चावल की पैदावार प्रभावित हो सकती है. क्योंकि पर्वतीय क्षेत्रों में उगाए जाने वाले एक लाल चावल को लगातार सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है. जबकि बीते दिन आपदा से क्षेत्र की तकरीबन 72 सिंचाई नहरें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. जिससे काश्तकारों को अब रवांई क्षेत्र में सिंचाई की चिंता सता रही है.गौर हो कि प्रदेश में भारी बारिश से सिंचाई नहरों को खासा नुकसान पहुंचा है. पुरोला डिवीजन के अंतर्गत 72 क्षतिग्रस्त सिंचाई नहरों में एक में भी पानी नहीं आ रहा है. जिससे क्षेत्र की आजीविका का मुख्य जरिया प्रसिद्ध लाल चावल की पैदावार प्रभावित हो सकती है. हालांकि 23 जुलाई को आपदाग्रस्त क्षेत्र के स्थलीय मौके पर आए आपदा सचिव रंजीत सिन्हा व आयुक्त विनय पांडेय ने संबंधित अधिकारियों को क्षेत्र की सिंचाई नहरों को तत्काल मरम्मत करने के निर्देश दिए थे. इसके बावजूद विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है.पुरोला गांव के किसान रमेश दत्त,दिनेश उनियाल व बलबीर असवाल, त्रिलोक चौहान ने बताया कि आपदा के बाद से क्षेत्र में नहरें बदहाल स्थिति में हैं.