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• Wed, 24 Mar 2021 8:29 am IST


सौरमंडल का एक जगह जिसे कहा जाता है यमराज का घर


खगोल विज्ञानी क्लीड डब्ल्यू. टॉमबॉघ ने 18 फरवरी 1930 को प्लूटो को गलती से खोज लिया था। असल में वह 'प्लैनेट एक्स' नामक एक अज्ञात ग्रह की तलाश कर रहे थे, जो यूरेनस (अरुण ग्रह) और नेपच्यून (वरुण ग्रह) की कक्षाओं में गड़बड़ी पैदा कर रहा था।


ऑक्सफॉर्ड स्कूल ऑफ लंदन में 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा वेनेशिया बर्ने ने इस ग्रह का नाम रखा था। इस बच्ची का कहना था कि रोम में अंधेरे के देवता को प्लूटो कहा जाता है और इस ग्रह पर भी लगभग हमेशा अंधेरा ही रहता है, ऐेसे में इसका नाम प्लूटो रखा जाए। इस बच्ची को उस समय इनाम के तौर पांच पाउंड दिए गए थे, जो आज के हिसाब से करीब 499 रुपये होते हैं।


प्लूटो को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 248 साल लग जाते हैं। यहां एक दिन पृथ्वी के मुकाबले 6.4 दिन का होता है यानी इस ग्रह का 24 घंटा लगभग 153 घंटे के बराबर होता है।


वैज्ञानिकों का मानना है कि प्लूटो ग्रह पर जीवन का अस्तित्व संभव नहीं है, क्योंकि यहां तापमान बेहद ही कम है। इस ग्रह की सतह का तापमान अमूमन माइनस 233 से माइनस 223 डिग्री सेल्सियस बना रहता है, जो किसी भी इंसान को पल भर में जमा सकता है।