आज मसूरी गोलीकांड की 29वीं बरसी है. इस मौके पर हम आपको पहाड़ों की रानी मसूरी के इतिहास का वह काला दिन बताएंगे, जब 2 सितंबर 1994 को अलग उत्तराखंड राज्य के निर्माण को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर उत्तर प्रदेश पुलिस और पीएसी द्वारा गोलियां चलाई गईं थी. जिसमें 6 लोग शहीद हो गए थे, जबकि कई लोग घायल हो गए थे. खटीमा गोलीकांड और मसूरी गोलीकांड के विरोध में उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक कई सार्वजनिक सभाएं आयोजित की गईं. इन शहीदों के खून से ही 2000 में उत्तराखंड को अलग राज्य का दर्जा मिला है