अब किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर फूलों की खेती करने लगे हैं। दरअसल, फूलों की डिमांड पूरे साल रहती है, जिससे किसानों की कमाई भी साल भर लगातार होती रहती हैं। महाराष्ट्र के जलगांव जिले के रहने वाले किसान महेश वसंत रान्डेल भी फूलों की खेती और कंसल्टेंसी के जरिये हर महीने 2.50 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं।
महेश बताते हैं कि फूलों की खेती से किसानों की आर्थिक स्थिति में तेजी से सुधर ही रहा है। ऐसे में कोई भी किसान जिसके पास एक एकड़ या उससे अधिक की जमीन है, वह आस-पास के शहरों में उपलब्ध मार्केटिंग अवसरों का फायदा उठाते हुए फूलों की खेती कर सकता है। महेश बताते हैं कि अगर छोटे और सीमांत किसान हैं तो चमेली, क्रॉसेंड्रा, गेंदा, ट्यूब-गुलाब , वार्षिक गुलदाउदी और गुलाब की खेती करके आजीविका चलाई जा सकती है।
एग्रीकल्चर से स्नातक करने वाले महेश ने फूलों की खेती शुरू करने से पहले कृष्णा वैली एडवांस्ड एग्रीकल्चर फाउंडेशन, जलगांव में आयोजित उद्यमशीलता कौशल में ट्रेनिंग ली है। इसके बाद उन्होंने फूलों की खेती करनी शुरू की। इसके साथ ही महेश ने फूलों की खेती के लिए फार्म इनपुट दुकान भी खोली है।
सालाना 30 लाख रुपये का कारोबार
महेश फूलों की खेती से मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। वे 5 गांवों के 400 से अधिक किसानों को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। महेश की मानें तो फ्लोरिकल्चर और कंसल्टेंसी के बिजनेस से वे एक साल में 30 लाख रुपये का कारोबार कर रहे हैं यानी हर महीने 2.50 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं।