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• Wed, 13 Mar 2024 4:47 pm IST


लाल चवाल का जीआई टैग अन्यत्र दिए जाने पर जताई नाराजगी


उत्तरकाशी : रंवाई घाटी के च्वार धान (लाल चावल) के जीआई टैग में हुई अनियमितता को लेकर स्थानीय काश्तकारों ने नाराजगी व्यक्त की है। लाल चावल को राज्य के अन्य क्षेत्र का बताकर जीआई टैग करने को लेकर स्थानीय काश्तकारों ने एसडीएम पुरोला के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रेषित किया और जीआई टैग में संशोधन की मांग की।बुधवार को पुरोला के स्थानीय काश्तकारों ने एसडीएम देवानंद शर्मा को एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने बताया कि लाल चावल केवल रंवाई घाटी के कमल व रामा सिराईं व गड्डूगाड़ पट्टी का विशेष औषधीय गुणों से भरपूर एकमात्र पारम्परिक उत्पाद है। जिसके उत्पादन के लिए केवल इसी क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियां ही अनुकूल हैं। लेकिन कृषि विभाग की लापरवाही से क्षेत्र के प्रसिद्ध उत्पाद लाल चावल को किसी निजी संस्था के माध्यम से अन्यत्र का दिखाकर जीआई टैग करवाया गया है। जो सरासर रंवाई की पहचान लाल चावल उत्पादन के साथ एक अन्याय है और यहां के काश्तकारों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है।

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि रंवाई घाटी के लाल चावल की उत्पादकता के लिए शीघ्र जीआई टैग में संसोधन नहीं होता है तो मजबूरन क्षेत्र के काश्तकारों को उग्र आंदोलन कर न्याय की शरण लेनी पड़ेगी। ज्ञापन देने वालों में युद्धवीर सिंह रावत, शूरवीर सिंह असवाल, राजपाल पंवार, ओमप्रकाश नौडियाल, जयेंद्र सिंह राणा, नवीन गैरोला,बलदेव सिंह, श्यालिक राम, देवेंद्र चमियाला, वीरेंद्र सिंह रावत आदि काश्तकार थे।