टिहरी जिले की छह विधानसभा सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या लगभग पुरुषों के बराबर है। विधानसभा चुनाव में भी महिलाएं बढ़ चढ़कर वोट कर उम्मीदवारों को जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, लेकिन पार्टियां विधानसभा चुनाव में महिला उम्मीदवारों को उतारने में कतराते हैं। ऐसे में देश की आजादी के बाद केवल दो बार ही महिला विधायक बन पाई हैं। राज्य गठन के बाद भी जिले की छह में से किसी भी सीट पर राष्ट्रीय दलों ने महिलाओं को उम्मीदवार नहीं बनाया है। ऐसे में आधी आबादी के दम पर जीत हासिल करने वाले राष्ट्रीय दलों ने महिलाओं को उम्मीदवार बनाने लायक तक भी नहीं समझा है।