देहरादून: उत्तराखंड में बहुआयामी गरीबी के तहत सबसे ज्यादा परिवार हरिद्वार में हैं. नीति आयोग ने हाल ही में बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2023 जारी किया है. इसके तहत प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या कुल आबादी के 9.67% है, जबकि इससे पहले साल 2015-16 में राज्य की कुल जनसंख्या के 17.67% लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यतीत कर रहे थे. कुल मिलाकर पिछले 5 साल में करीब 9 लाख 17,299 लोग गरीबी रेखा से बाहर आ गए हैं.
उत्तराखंड में गरीबी सूचकांक के महत्वपूर्ण आंकड़े
उत्तराखंड में पिछले 5 साल के दौरान 8% लोग गरीबी रेखा से बाहर आए
साल 2015-16 में गरीबी की तीव्रता 44.35 प्रतिशत थी, अगले 5 साल में घटकर 41.99% रह गई
अल्मोड़ा जिले में 16.5% लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले
उत्तरकाशी में 14.7 4% और चंपावत में 12.8 2% लोगों ने गरीबी रेखा से बाहर निकलकर जीवन व्यतीत करना शुरू किया
गरीबी रेखा से बाहर निकलने वाले लोगों की संख्या सबसे ज्यादा पर्वतीय जनपदों में दिखाई दी
गरीबी सूचकांक के अनुसार राजधानी देहरादून में 3.02% लोग गरीबी रेखा के अंतर्गत निवास करते हैं
आंकड़ों के अनुसार गरीबी रेखा के अंतर्गत सबसे कम लोगों की संख्या देहरादून जिले में है.
सबसे ज्यादा गरीबी रेखा के अंतर्गत रहने वाले लोगों की संख्या हरिद्वार जिले में है. यहां 16.929% लोग गरीबी रेखा के अंतर्गत रहते हैं.
उधम सिंह नगर में 11.26 लोग गरीबी रेखा के नीचे रहते हैं.