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DevBhoomi Insider Desk
• Fri, 16 Jun 2023 10:53 am IST


पर्यावरणीय बदलाव से फॉरेस्ट फायर की बढ़ी समयावधि, फायर सीजन के बाद भी महकमे को सताएगी वनाग्नि की चिंता


 देश और दुनिया में कई तरह से पर्यावरणीय बदलाव देखने को मिल रहे हैं, एक तरफ गुजरात के तटीय क्षेत्रों में तूफान के खतरे की चिंता देशवासियों को सता रही है. वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड के जंगलों में फायर सीजन खत्म होने के बाद भी वनाग्नि की घटनाओं में बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है. यह स्थितियां मौसम और सीजन में हो रहे बदलाव के कारण पैदा हो रही है. इसका सीधा असर प्रदेश में फॉरेस्ट फायर पर भी दिखाई दे रहा है.फायर कर्मियों की चुनौतियां बढ़ी: उत्तराखंड में फॉरेस्ट फायर सीजन खत्म हो गया है, वन विभाग राज्य में 15 फरवरी से 15 जून तक का समय फॉरेस्ट फायर के रूप में मानता है और इसके लिए पूर्व से ही काफी तैयारियां की जाती है. माना जाता है कि इसी समय अवधि के दौरान जंगलों में सबसे ज्यादा आग की घटनाएं होती है और इसके बाद मानसून आने के साथ ही इन घटनाओं में कमी दिखाई देने लगती है. लेकिन इस साल जिस तरह मौसम में तब्दीली आई है उसके बाद जंगलों में आग की घटनाएं फायर सीजन खत्म होने के बाद भी लगातार सामने आने की आशंका व्यक्त की जा रही है.