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• Sun, 16 May 2021 8:57 am IST


रोपवे कंपनी के पक्ष में बढ़ाई गई लीज - नगर निगम की बैठक में हुआ हंगामा, देखें Video



नगर निगम हरिद्वार की बैठक में भारी हंगामे और विरोध के बीच रोपवे कंपनी उषा ब्रेको को दी गई जमीन की लीज को 30 साल के लिए एक बार फिर बढ़ा दिया। नए एग्रीमेंट के अनुसार अब कंपनी की ओर से नगर निगम को पहले से 5 गुना ज्यादा राजस्व की प्राप्ति हो सकेगी।
  उषा ब्रेको का मामला काफी गहमागहमी भरा रहा। कंपनी के पक्ष में प्रस्ताव पारित कराने को लेकर भाजपा और कांग्रेस के पार्षद एक साथ खड़े नजर आए। कुछ लोगों ने विरोध किया तो अन्य पार्षदों के साथ उनकी तीखी नोकझोंक हो गई। कुछ पार्षद हंगामा करते हुए धरने पर भी बैठे लेकिन प्रस्ताव पारित कर दिया गया ।  उषा ब्रेको कंपनी पिछले करीब चार दशक से भी ज्यादा समय से मनसा देवी पर उड़न खटोले का संचालन करती है। समय-समय पर कंपनी की लीज को बढ़ा दिया जाता है ।

शनिवार को भी नगर निगम बोर्ड की बैठक बुलाई गई थी जिसमें उस आग्रह को कंपनी को दी गई जमीन की लीज बढ़ाने पर चर्चा की गई। महापौर अनीता शर्मा की अध्यक्षता में नगर निगम के टाउन हाल में संपन्न हुई बैठक में वित्तीय वर्ष 2021- 22 के लिए एक अरब 72 करोड क्षेत्र लाख रुपए का कुल बजट का प्रस्ताव भी पारित किया गया। साथ ही आगामी 20 मई को समाप्त होने जा रही मनसा देवी मंदिर पर लगे उषा ब्रेको कंपनी के रोकने के लिए को बढ़ाने का प्रस्ताव भी बैठक में लाया गया। पहले से ही इस प्रस्ताव को लेकर आपस में तालमेल हो जाने की चर्चाएं शहर में आम थी, लेकिन कुछ पार्षदों ने प्रस्ताव का विरोध कर दिया कि लीज बढ़ाने के बजाय इसका खुला टेंडर किया जाना चाहिए।
इससे अन्य कंपनियों को भी मौका मिलेगा। जिससे नगर निगम को ज्यादा लाभ हो सकता है कुछ पार्षदों ने पहले से ही काम कर रही कंपनी को ही बढ़ी हुई धनराशि के साथ अनुबंध करके लीज बढ़ाने की पैरवी की। दोनों ओर से हुई गरमागरम बहस और तर्कों के बीच पक्ष और विपक्ष के बहुमत के आधार पर जमीन की लीज को 30 साल के लिए बढ़ा दिया गया। नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार कंपनी ने लीज बढ़ाने के लिए पूर्व में दिए जाने वाली वार्षिक रॉयल्टी करीब 60 लाख को बढ़ाकर 2 करोड दस लाख देने का प्रस्ताव रखा था जिस पर पार्षद सहमत नहीं हुए।
बाद में 3.15 करोड रुपए वार्षिक किए जाने का प्रस्ताव रखा गया जिसे पारित कर दिया गया। भाजपा पार्षद दल के नेता सुनील अग्रवाल गुड्डू, उप नेता अनिरुद्ध भाटी व राजेश शर्मा अनिल वशिष्ठ, कांग्रेश की ओर से पार्षद अनुज सिंह व अन्य पार्षदों ने बहस में हिस्सा लिया। बाद में सहमति के आधार पर प्रस्ताव को पारित कर दिया गया जबकि भाजपा की ओर से ही पार्षद राधे कृष्ण शर्मा, आशा सारस्वत, महावीर वशिष्ठ, कैलाश भट्ट, इसरार सलमानी आदि ने विरोध में अपना पक्ष रखा।
बैठक में उस समय हंगामा हो गया जब भाजपा की पार्षद श्रुति खेवडिया के पति पूर्व पार्षद  कन्हैया खेवडिया बैठक में आ गए और ज्ञापन देकर कंपनी को के पक्ष में लीज बढ़ाए जाने का विरोध करने लगे। उनका कहना था कि कुछ लोग कुछ पार्षदों ने कंपनी के साथ मोटा लेन-देन कर लिया है और वह नगर निगम के हितों की अनदेखी कर रहे हैं । इस पर बैठक में भारी हंगामा हो गया । बाद में कन्हैया खेवडिया को समझा-बुझाकर बैठक से बाहर भेजा गया।