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DevBhoomi Insider Desk
• Sat, 12 Nov 2022 10:00 pm IST

नेशनल

क्या अफ्रीका या चीन की सौदेबाजी का पड़ेगा भारत पर असर, जानिए क्या है प्राइस कैप...?


यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस के तेल निर्यात पर पाबंदियां जारी हैं। हालांकि, भारत इससे प्रभावित नहीं हुआ है। 

इधर, भारत यात्रा पर आईं अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने स्पष्ट किया है कि, इंडिया रूस से जितना चाहे उतना तेल खरीद सकता है। अधिकतम तेल मूल्य की सीमा से ऊपर वह रूसी तेल खरीद सकता है। येलेन ने कहा कि, अगर भारत और अन्य देश रूस से सौदेबाजी कर फायदा उठाते हैं, तो अमेरिका को खुशी होगी। 

भारत-चीन के अलावा रूस का सबसे बड़ा तेल ग्राहक है। जी-7 देश 5 दिसंबर से रूस के तेल का अधिकतम मूल्य तय करने वाले हैं। येलेन ने कहा कि, रूस तेल मूल्य की सौदेबाजी कर रहा है और हमें खुशी है कि, भारत अफ्रीका या चीन सौदेबाजी के जरिए रूस से तेल खरीद रहे हैं। 

भारत रूस से जितना चाहे उतना तेल खरीद सकता है। जी-7 की प्राइस कैप से अधिक पर भी वह तेल खरीद सकता है। प्राइस कैप से विश्व में तेल कीमतें घटेंगीं, वहीं रूस का राजस्व भी घटेगा।