लखनऊ: मध्य प्रदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश के मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में भी हिंदी में पढ़ाई कराई जाएगी। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करके दी। उन्होंने लिखा, उत्तर प्रदेश में इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज की कुछ पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद कर दिया गया है। आगामी वर्ष से प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में इन विषयों के पाठ्यक्रम हिंदी में भी पढ़ने के लिए उपलब्ध होंगे।
फिलहाल, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सबसे पहले मेडिकल और इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम की हिंदी में शुरुआत की गई। यूक्रेन, जापान, रूस, चीन, फिलीपींस और किर्गिजस्तान जैसे देशों की तरह अब भारत में भी मेडिकल की पढ़ाई मातृभाषा में होगी। इसकी शुरुआत मध्यप्रदेश से हो रही है। मध्य प्रदेश के 97 डॉक्टर्स की टीम ने चार महीने में रात-दिन काम करके अंग्रेजी की किताबों का हिन्दी में अनुवाद किया है। इसी क्रम में सीएम योगी ने भी यूपी में हिंदी में पढ़ाई किए जाने की जानकारी दी है।
हिन्दी में पढ़ाई जरूरी क्यों?
इंजीनियरिंग और मेडिकल साइंस की पुस्तकों में अंग्रेजी भाषा की कठिन
शब्दावली के होने से हिन्दी माध्यम में पढ़ने वाले ग्रामीण छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी
होती है। अब इंजीनियरिंग और एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू होने से गरीब एवं मध्यम वर्ग
के हिन्दी मीडियम में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए पढ़ाई आसान होगी। हिन्दी
भाषा को बढ़ावा देने की दिशा में प्रदेश सरकार का उठाया गया यह कदम सराहनीय है।