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DevBhoomi Insider Desk
• Fri, 10 Feb 2023 1:00 pm IST

ब्रेकिंग

सबसे छोटा रॉकेट SSLV-D2 दूसरे प्रयास में कामयाब, तीन सैटेलाइट्स किए लॉन्च


नई दिल्‍ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शुक्रवार को अपना सबसे छोटा रॉकेट SSLV-D2 लॉन्च कर दिया है। स्मॉल सैटेलाइट लॉन्चिंग व्हीकल (एसएसएलवी) की लॉन्चिंग सुबह 9:18 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन लॉन्चिंग सेंटर से हुई। SSLV-D2 तीन सैटेलाइट्स लॉन्च करने में कामयाब रहा, जो इसकी दूसरा प्रयास थी। इसके पहले 9 अगस्त, 2022 को पहला प्रयास नाकाम रहा था।

एसएसएलवी ने जो तीन सैटेलाइट्स लॉन्च किए, उनमें चेन्नई के स्पेस स्टार्ट अप का आजादी सैट-2, अमेरिका जानूस-1 और इसरो का EOS-7 (अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट) शामिल है। एसएसएलवी-डी2 ने पृथ्वी की लोअर ऑर्बिट में 15 मिनट तक उड़ान भरी और इसके बाद सैटेलाइट्स को 450 किमी दूर ऑर्बिट में छोड़ दिए हैं।

इसरो चीफ ने टीम को दी बधाई

SSLV-D2 की लॉन्चिंग के बाद इसरो चीफ सोमनाथ ने कहा कि अब हमारे पास एक नया लॉन्च व्हीकल है। एसएसएलवी-डी2 ने दूसरे प्रयास में सैटेलाइट्स को एकदम सही तरह से ऑर्बिट में छोड़ दिया है। तीनों सैटेलाइट टीमों को बधाई।

छोटे सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग SSLV का उद्देश्‍य

एसएसएलवी को विकसित करने का मकसद छोटे सैटेलाइट लॉन्च करना है। इसके साथ ही अब तक पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) का इस्तेमाल लॉन्चिंग में बहुत अधिक किया जाता है। एसएसएलवी के चलते अब यह बड़े मिशन के लिए फ्री हो सकेगा। SSLV 10 से 500 किलोग्राम के ऑब्जेक्ट को 500 किलोमीटर दूर प्लैनर ऑर्बिट में ले जा सकता है। ईओएस-07 एक 156.3 किलो का सैटेलाइट है, जिसे इसरो ने डेवलप और डिजाइन किया है। नए एक्सपेरिमेंट में एमएम-वेव ह्यूमिडिटी साउंडर और स्पेक्ट्रम मॉनिटरिंग पेलोड शामिल हैं, जबकि जानूस-1 एक 10.2 किलोग्राम का उपग्रह है। 8.7 किलो का आजादी सैट-2 स्पेस किड्ज इंडिया चेन्नई के डायरेक्शन में देश भर की करीब 750 गर्ल स्टूडेंट ने बनाया था।

पिछले साल फेल हो गई थी एसएसएलवी लॉन्चिंग

9 अगस्त, 2022 में एसएसएलवी लॉन्चिंग की कोशिश की गई थी, लेकिन लॉन्चिंग फेल हो गई थी। रॉकेट की लॉन्चिंग तो ठीक हुई, लेकिन बाद में रफ्तार और फिर रॉकेट के सेपरेशन के दौरान दिक्कत आई। इस कारण उस समय एसएसएलवी की लॉन्चिंग को रद्द कर दिया गया था। इसरो ने बताया था कि दोनों सैटेलाइट्स गलत ऑर्बिट में चले गए थे और किसी काम के नहीं रह गए थे।