अक्सर कहा जाता है कि गर्मियों में दवाएं कम से कम खानी चाहिए, वरना इनसे शरीर में गर्मी पैदा हो सकती है. कई लोग गर्मियों में बुखार की टेबलेट पैरासिटामोल को नुकसानदायक मानते हैं. कहा जाता है कि गर्मी के मौसम में ज्यादा पैरासिटामोल खाने से लिवर को नुकसान हो सकता है. हालांकि डॉक्टर्स की राय इसे लेकर अलग है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो कई दवाएं शरीर के तापमान को कुछ वक्त के लिए बढ़ा सकती हैं, लेकिन इससे सेहत पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता है. पैरासिटामोल टेबलेट और गर्मी का भी कोई कनेक्शन नहीं होता है.
एक्सपर्ट्स बताते हैं की अगर किसी व्यक्ति को बुखार आ रहा है, तो उस कंडीशन में डॉक्टर की सलाह लेकर पैरासिटामोल टेबलेट ली जा सकती है. इससे गर्मी या सर्दी का कोई लेना-देना नहीं होता है. हालांकि बिना वजह कोई भी दवा नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि बिना जरूरत के दवा लेने से शरीर पर गंभीर साइड इफेक्ट हो सकते हैं. ऐसा पैरासिटामोल के साथ ही नहीं, बल्कि सभी दवाओं के साथ होता है. अगर बुखार की समस्या हो, तो पैरासिटामोल टेबलेट गर्मी में भी ली जा सकती है.
डॉक्टर बताते हैं कि गर्मियों में बाहर धूप में रहने की वजह से कई लोगों का शरीर गर्म हो जाता है और वे इसे बुखार समझने लगते हैं. ऐसी कंडीशन में लोगों को सबसे पहले पानी पीना चाहिए और कुछ देर घर के अंदर रहकर शरीर को ठंडा करना चाहिए. इसके बाद थर्मामीटर से शरीर का टेंपरेचर चेक करना चाहिए. इसमें अगर बुखार नजर आए, तब पैरासिटामोल दवा लेनी चाहिए. अगर थर्मामीटर में टेंपरेचर नॉर्मल आए, तो टेंशन की कोई बात नहीं है. कई बार थायरॉयड और मेनोपॉज की वजह से शरीर ज्यादा देर तक गर्म रहता है. ऐसे लोगों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो गर्मियों में लोगों को अपने शरीर को ठंडा बनाए रखने के लिए रोजाना 3-4 लीटर पानी पीना चाहिए और पानी से भरपूर फल-सब्जियों का जमकर सेवन करना चाहिए. इस मौसम में लोग नींबू पानी, शिकंजी बनाकर पी सकते हैं. इससे हाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बेहतर बना रहेगा. गर्मियों में छाछ और लस्सी का सेवन भी बेहद लाभकारी साबित हो सकता है. हालांकि अच्छी डाइट, प्रॉपर हाइड्रेशन के बाद भी किसी को हर वक्त शरीर गर्म लगे, तो डॉक्टर से मिलकर अपनी जांच करानी चाहिए.