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DevBhoomi Insider Desk
• Sat, 21 May 2022 6:48 pm IST


ऑनलाइन कामकाज से कैफे संचालकों और बिचौलियों की चांदी कटी


काशीपुुर। एआरटीओ का काम ऑनलाइन होने से कैफे संचालकों और बिचौलियों की चांदी कट रही है। पेपर वर्क से निजात मिलने के बाद बिचौलिए बाबुओं से डीलिंग कर काम करा रहे हैं। नई व्यवस्था से कार्यालय में सन्नाटा है, इक्का दुक्का लोग ही बायोमेट्रिक अथवा ड्राइव टेस्टिंग के लिए ही कार्यालय आ रहे हैं। सर्विस चार्ज देने वाले आवेदकों को घर बैठे ही प्रमाणपत्र मिल रहे हैं। बावजूद इसके ऊपरी सख्ती के कारण कार्यालय के कर्मचारी अपनी ड्यूटी को लेकर सतर्क हैं।
बृहस्पतिवार को एआरटीओ समेत कई कर्मचारी कार्यालय में मिले तो आरआई समेत तीन पटल खाली नजर आए। एआरटीओ कार्यालय में इस समय कुल 11 कार्मिक हैं। चारधाम ड्यूटी पर गए कर्मियों को छोड़कर शुक्रवार को सभी कर्मचारी कार्यालय में उपस्थित मिल लेकिन फिर भी कुछ पटल खाली दिखे।


अमर उजाला की पड़ताल में सुबह 10:04 बजे वरिष्ठ सहायक रेनू अपने कक्ष में मिलीं लेकिन घंटे भर बाद भी वहां कोई बायोमेट्रिक के लिए नहीं पहुंचा। पांच नंबर पटल पर प्रधान सहायक ललित मठपाल कंप्यूटर पर डाटा अपडेट करते दिखे। करीब 11 बजे यहां ट्रांसपोर्टर अब्दुल समद पहुंचे। एक बाबू ने उन्हें स्कूल बस की फिटनेस के लिए 2700 रुपये जमा करने को कहा था जबकि शुल्क 2150 रुपये बनता था। टोकने पर मठपाल ने हिसाब लगाने के बाद उनसे 2150 रुपये जमा करा दिए। सुबह 10:15 बजे तक पटल संख्या 107 व 108 खाली रहे। वहीं केस काउंटर में भी कोई नहीं था।

पूछने पर पता लगा कि इनमें से दो पटलों के कर्मचारी अमित राज और मो. आसिफ चारधाम यात्रा ड्यूटी पर गए हैं। वहीं केस काउंटर का कर्मी दूसरे कर्मचारी के कक्ष में बतिया रहे थे। प्रधान सहायक के टोकने पर आकेश और नावार्या अपने-अपने कक्षों में पहुंचे। एआरटीओ एके झा भी कार्यालय खुलते ही पहुंच गए। बोले, इन दिनों चेकिंग कार्य से जाना पड़ता है लेकिन दो दिनों से वह भी कार्यालय में ही बने हुए हैं।

आरआई की अनुपस्थिति के बारे में पूछने पर झा ने बताया कि वह चैती ग्राउंड में वाहनों की फिटनेस चेक कर रहे हैं। अल्मोड़ा के आरआई विनोद गुंज्याल के पास यहां का अतिरिक्त कार्य है। हफ्ते में तीन दिन वो काशीपुर रहते हैं।

प्रशासनिक अधिकारी राजेंद्र नेगी, प्रधान सहायक राजेश सनवाल और खष्टी बल्लभ जोशी भी अपने पटलों पर मौजूद मिले। पेपर वर्क खत्म होने से कार्यालय के बाहर सजने वाले दलालों के बस्ते भी उठ गए हैं। वाहनों के रजिस्ट्रेशन, ट्रांसफर, डीएल, नवीनीकरण, पता परिवर्तन, परमिट नवीनीकरण जैसे कामों के लिए सुविधा शुल्क बढ़ाए जाने से लोगों में रोष देखा गया। कुछ आवेदकों ने बताया कि सुविधा शुल्क में ही सौ से लेकर पांच सौ रुपये तक की बढ़ोत्तरी हुई है।

आवेदनों का निस्तारण कैफे संचालकों अथवा बिचौलियों के जरिये हो रहा है। उनकी रिकार्ड रूम तक सीधे पहुंच हैं। 
- कार्यालय में स्थायी आरआई का पद रिक्त है। कामकाज ऑनलाइन होने केे कारण मामलों का त्वरित निस्तारण हो जाता है, ऐसे में कार्यालय में अब भीड़ नजर नहीं आती। सभी कर्मियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक ली जा रही है।