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DevBhoomi Insider Desk
• Sun, 15 Jan 2023 3:51 pm IST

मनोरंजन

Cockroach Startup: फंडिंग घटते ही बढ़ गई 'कॉकरोच स्टार्टअप' की मांग, यहां जानिए क्या है ये


अमेरिका और चीन के बाद भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। लेकिन साल 2022 में आई मंदी और महंगाई के प्रभाव से घटी फंडिंग का प्रकोप भारतीय स्टार्टअप सेक्टर पर भी पड़ा। आलम ये रहा कि साल 2021 में भारत के स्टार्टअप्स को मिली 41 अरब डॉलर की फंडिंग 2022 में घटकर 26 अरब डॉलर रह गई।  साल की आखिरी तिमाही यानी अक्टूबरसे दिसंबर में तो ये फंडिंग 2021 की आखिरी तिमाही के मुकाबले घटकर आधी रह गई।
बता दें कि स्टार्टअप सेक्टर में यूनिकॉर्न यानी जिन स्टार्टअप्स की वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर या इससे अधिक होती है।  ऐसे में अभी तक फंडिंग के लिए पसंदीदा विकल्प बने हुए थे, लेकिन जिस तरह से 2022 में स्टार्टअप्स में छंटनी हुई और इनके मुनाफे डाउन हुए उसके बाद से अब फंडिंग के लिए यूनिकॉर्न की जगह 'कॉकरोच स्टार्टअप' की मांग तेजी से बढ़ गई है। अब निवेशक यूनिकॉर्न के मुकाबले 'कॉकरोच स्टार्टअप'  में निवेश करना बेहतर समझ रहे हैं। कॉकरोच स्टार्टअप, कॉकरोच की तरह, अर्थव्यवस्था या वेंचर के हालात में बदलाव से बेपरवाह होते हैं।  इन ग्रुप्स में ये तय करने की बेहतर क्वालिटी होती है कि कहां पैसा खर्च करना है और कहां पर पैसा खर्च नहीं करना है। यही वजह है कि एक कॉकरोच स्टार्टअप, बाज़ार के हालातों और निवेश की स्थिति के बदलने के बाद भी बना रहता है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि इनमें विपरीत हालात में भी खर्च में कटौती करके कारोबार को बढ़ाने की क्षमता होती है।

इस वजह से पड़ा कॉकरोच स्टार्टअप नाम

 बताया जाता है कि डायनासोर से 32 करोड़ साल पहले से ही कॉकरोच धरती पर रह रहे हैं। कॉकरोच की खासियत ये होती है कि ये किसी भी तरह की स्थिति को सहन कर सकते हैं। यहां तक की बिना सिर के भी एक कॉकरोच 7 दिन तक जीवित रह सकता है। ये बिना खाने के भी 30 दिन तक जिंदा रह सकते हैं। ये परमाणु विस्फोट तक तक से भी खुद को बचा सकते हैं।