टिकट आवंटन के बाद चुनाव में डटे प्रत्याशियों के खिलाफ भीतरघाती और खुलेआम मोर्चा संभाले पार्टी के लोग ही टेंशन बढ़ा रहे हैं। जिससे उम्मीदवारों के जीत का गणित बिगड़ता नजर आ रहा है। उधर, पार्टी संगठन भी चुनाव को देखते हुए कार्रवाई करने में असहज महसूस कर रहा है।
भाजपा, कांग्रेस, बसपा समेत अन्य दलों में टिकटों को लेकर एक-एक सीट से कई-कई टिकट के दावेदार थे। टिकट न मिलने वाले दावेदारों और समर्थकों ने पार्टी के खिलाफ बगावत शुरू कर दी थी। कई सीटों पर तो बागी होकर दावेदार चुुनावी मैदान में ताल ठोके हुए हैं। कुछ पार्टी के लोग ऐसे हैं, जो भीतरघात करने के लिए तैयार हुए बैठे हैं। इनकी ओर से अंदरखाने पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया जा रहा है। ऐसे लोग अपनी पार्टी के उम्मीवार की बजाय दूसरे दल के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने के लिए कह रहे।