टिहरी: प्रवासी डॉ. वीरेंद्र रावत ने कहा कि यह गांव वापसी संवाद कार्यक्रम करवाने के पीछे उन लोगों को संदेश देना था जो अपने गांव को छोड़कर अन्य शहरों में रह रहे हैं. और गांव के गांव खाली हो रहे हैं. उन्हें इस कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश देने का काम किया जा रहा है कि सभी प्रवासी लोग अपने घरों को लौट कर अपने मूल जगहों पर काम करें. क्योंकि पहाड़ों में रोजगार के बहुत साधन हैं. बस जरूरत है तो ऐसे लोगों की जो गांव लौट कर स्वरोजगार करके अन्य लोगों को भी रोजगार देने का काम करें, जिससे पलायन रुक सके. इस गांव वापसी संवाद कार्यक्रम में 150 से अधिक बुद्धिजीवी प्रवासियों ने अपने-अपने क्षेत्र में किये गए कार्यों को ग्रामीणों के साथ साझा किया. सभी बुद्धिजीवी प्रवासियों ने संयोजक डॉ वीरेंद्र रावत के द्वारा गांव वापसी संवाद कार्यक्रम की शुरुआत करने को लेकर प्रशंसा की. लोगों ने कहा कि यह पहल बहुत अच्छी पहल है. भविष्य में सभी लोग इस तरह के कार्यक्रम से सीख लेकर बाहर रहने वाले प्रवासियों को संदेश देने का काम करेंगे. जिससे बाहर रह रहे प्रवासी अपने गांव वापस आकर गांव को आबाद करने का काम करेंगे.