लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश किया है। योगी सरकार 2.0 का यह पहला बजट है, जो 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ 97 लाख रुपए का है। इस बजट को लेकर विपक्ष की ओर से समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और मायावती ने पहली प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश ने जहां सरकार के बजट में सब कुछ घटा बताया तो वहीं, मायातवी ने इसे घिसापिटा बजट बताया।
पूर्व
सीएम अखिलेश यादव ने बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा कि रोजगार सिर्फ आंकड़ों में
दिखता है। युवा गावों में रोजगार नहीं मिलने से निराश हैं। जिनसे सरकार ने गेहूं, तेल, चावल और चन्ना वादा देने का वादा किया था, उन्हें ये सब कहां मिला। बच्चों को सरकारी
स्कूलों में किताब और ड्रेस का पैसा नहीं मिला है। उन्हें सही समय से मिड डे मिल
में खाने की चीजें नहीं मिल पा रही हैं। महंगाई देश में लगातर बढ़ती जा रही है। किसान
के गन्ने के भूगतान का तो सरकार बताती है, लेकिन
कितना बकाया है ये नहीं बताती है।
ये सरकार
का छठा बजट है, लेकिन इसमें सब कुछ घटा है
सपा
प्रमुख ने कहा कि निजी चीनी मिलों में कितना भुगतान हुआ है, ये नहीं बताया गया। उन्होंने कहा कि ये
बजट, दिल्ली के बजट में जोड़कर तैयार किया
गया बजट है। लोगों के साथ पिछले पांच साल में सिर्फ धोखा हुआ है। सवाल ये है कि
किसानों की आय दोगुनी कब होगी और रोजगार कब मिलेगा। अखिलेश यादव ने कहा कि जिला
स्तर पर बने अस्पताल बर्बाद हो रहे हैं। ये छठा बजट है, लेकिन इस बजट में सब कुछ घटा है। सरकार
केवल बेरोजगारी का आंकड़ा बताती है, लेकिन
रोजगार का आंकड़ा कभी नहीं बताती है।
मायावती
ने ट्वीट कर साधा निशाना
वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करते हुए इस बजट को घिसापिटा बताया। साथ ही उन्होंने सरकार से पूछा कि जनता की आंख में धूल झोंकने का ये खेल कब तक चलेगा?